राज्य बाल अधिकार आयोग, आल इंडिया दलित महिला अधिकार मंच, NFIW, ह्यूमन राइट लो नेटवर्क , MKSS संगठनो के कार्यकर्ताओ का जाँच दल 6 वर्षीय पीड़ित नाबालिग बालिका व परिवारजो से मिलकर घटना के हालात जाने व हर सम्भव न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया……!!!
अलवर जिला के तिजारा तहसील के अजरका गाँव की रहने वाली 6 वर्षीय दलित नाबालिग बालिका अपने बुजुर्ग दादा – दादी के पास रहती है करीब तीन साल पहले बच्ची के पिता की बिजली का करंट लगने से मौत हो गयी थी उसके बाद से बच्ची की माता अपनी छोटी 3 वर्षीय बेटी के साथ पीहर मे रहती है।
इस बच्ची की परवरिश बुजुर्ग दादा- दादी को ही करनी पड़ रही है, बालिका के परिवारजनो ने बताया कि बालिका जन्म से ही ठीक से बोल नहीं पाती है।
दिनांक 9 मार्च 2019 को थाना अंतर्गत मुन्डावर, जिला अलवर के गाँव हमीराका मे शादी समारोह मे परिजनो के साथ गयी थी, आरोपियो ने इसी मौके पर बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म करके बेहोशी की हालत मे छोड़ कर फ़रार हो गये,
इस घटना को अंजाम देने के बाद बालिका रात भर बेहोशी की हालत मे रही गांव से अढाई किलोमीटर की दूरी पर पटक गए। बच्ची होश आने पर पास के रेलवे फ़ाटक की तरह लाईन पर मिली सुबह 8 बजे के करीब रेलवे कर्मियो ने बालिका को रोते हुए गम्भीर हालत मे देखा जिसकी सुचना रेलवे स्टेशन इंचार्ज को देते हुए स्थानीय पुलिस थाना व बच्ची की तलाश कर रहे परिजनो को बताया, परिजनो ने बालिका की पहचान कर स्थानीय पुलिस के साथ पास मे ही महिला स्वास्थ्यकर्मी को इलाज हेतु दिखाया लेकिन बच्ची की हालत ख़राब होने की वजह से बालिका को मुण्डावर अस्पताल के लिए रेफ़र कर दिया,
मुण्डावर अस्पताल के स्टाफ़ ने बालिका के इलाज को हल्के मे लेते हुये लापरवाही बरती व अपने व्यक्तिगत काम के बहाने बनाते हुए इलाज नहीं किया जिसके चलते बच्ची को अलवर अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया । बालिका की गम्भीर स्थिति को देखते हुये प्राथमिक उपचार देकर जयपुर जे. के. लोन. अस्पताल के लिए रेफ़र कर दिया । आई. सी. यु.मे भर्ती कर बच्ची का इलाज किया जा रहा है, दिनांक 11 मार्च 2019 को बच्ची का आपरेशन किया गया है।
जाँच दल टीम के सदस्यों व आयोग के सदस्यों ने डाक्टर, पुलिस व समाज कल्याण विभाग से घटना की प्रगति रिपोर्ट मांगी व तुरंत प्रभाव से पीड़िता का सही इलाज, मुआवजा व आरोपियो को गिरफ्तार करने न्याय देने की बात कही।
अस्पताल कर्मियों व डाक्टर ने बताया कि अभी बालिका के स्वास्थ्य मे सुधार है और जल्दी ही छुट्टी दे कर बालिका को घर भेज दिया जायेगा।
जाँच दल के सदस्यों के रूप मे बाल अधिकार आयोग के इंचार्ज व सदस्य मोजूद थे
- एस. पी. सिंह
- सदस्या डॉ. सीमा जोशी
- सुमन देवठिया -राज्य समन्वयक AIDMAM
- निशा सिद्धू- महासचिव NFIW
- मुकेश गोस्वामी- MKSS के वरिष्ठ कार्यकर्ता
- ताराचंद वर्मा- एडवोकेट राज्य समन्वयक HRLN
- हनुमान सहाय -RRC के सामाजिक कार्यकर्ता