सूरत में हुए अग्निकांड मामले में कार्रवाई करते हुए सूरत के डेप्युटी चीफ फायर ऑफिसर और फायर ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले कोचिंग के मैनेजर और बिल्डर को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सूरत : गुजरात के सूरत में कोचिंग संस्थान में लगी आग में मरने वाले छात्रों की संख्या 23 हो गई है। वहीं, घायल छात्रों में से 2 वेंटिलेटर पर हैं और 5 को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है और 4 अन्य की हालत स्थिर बताई गई है। हादसे में छात्रों की मौत के बाद शनिवार को प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी। इस मद्देनजर सूरत के डेप्युटी चीफ फायर ऑफिसर एसके आचार्य और फायर ऑफिसर कीर्ति मोढ को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले कोचिंग के मैनेजर और बिल्डिंग के अंदर अवैध निर्माण करा रहे दो बिल्डरों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी
ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मामले की जांच के लिए कमिटी के गठन की
जानकारी दी। बता दें कि हादसे को लेकर गुजरात सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
ने नोटिस भी जारी किया है।
इन्वेस्टिगेशन
कमिटी गठित
रुपाणी ने कहा कि यह
घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसमें 20 से ज्यादा युवाओं की
मौत हो गई। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने
मामले की जांच के लिए इन्वेस्टिगेशन कमिटी गठित की है और शहरी सचिव से मामले पर
रिपोर्ट फाइल करने को कहा है। इसी के आधार पर मामले की जांच की जाएगी।’ उन्होंने बताया कि
दोषियों पर कार्रवाई के मद्देनजर बिल्डर और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं, गर्मियों की छुट्टी पर
चल रहे सूरत के नगर आयुक्त एम थेन्नर्सन ने वरच्छा के फायर ऑफिसर को इस घटना के
लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि फायर ऑफिसर इमारत में सुरक्षा मानकों
के उल्लंघन की पहचान नहीं कर सके। थेन्नर्सन ने कहा, ‘हमने उन्हें सस्पेंड
करने का फैसला किया है।’
कोचिंग मैनेजर गिरफ्तार
गौरतलब है कि सूरत
के सरथना इलाके में शुक्रवार को कोचिंग संस्थान में भीषण आग लग गई थी।घटना में 23 स्टूडेंट्स की मौत
हो गई है जिसमें 16 लड़कियां
हैं। 20 से ज्यादा लोग घायल
हुए हैं। सूरत पुलिस ने बताया कि अभी तत्काल प्रभाव से सभी ट्यूशन क्लास को बंद
कर दिया गया है। सेफ्टी प्रमाणपत्र लेने के बाद ही इन कोचिंग को फिर से खोलने की
अनुमति दी जाएगी। पुलिस ने शुक्रवार देर रात कोचिंग सेंटर चलाने वाले बौर्गव
भूटानी और इमारत के अंदर अवैध रूप से तीसरा फ्लोर बनाने वाले उसके मालिक हर्सुल
वेकारिया तथा जिग्नेश बागदारा के खिलाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
बिल्डर को
तलाशने में लगी पुलिस
मामले में कोचिंग के
मालिक भार्गव मनसुख बूटानी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, बिल्डर हर्सुल
वेकारिया और जिग्नेश पगदल फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों को
पकड़ने के लिए कई टीमों को लगाया गया लेकिन उनके सटीक लोकेशन के बारे में जानकारी
नहीं मिल पा रही है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला
दर्ज किया है।
हादसे के बाद
जागी सरकार
भीषण हादसे के बाद
जागी गुजरात सरकार ने अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वड़ोदरा के सभी कोचिंग
सेंटर्स को फायर सेफ्टी ऑडिट पूरा होने तक बंद रखने का आदेश दिया है। हादसे के बाद
अहमदाबाद पुलिस ने जिले में चल रहीं सभी ट्यूशन क्लासों, डांस क्लासों और समर
कैंप्स को ऐहतियातन बंद करने का आदेश दिया।
वहीं, स्पेशल ब्रांच के
एसीपी ने नोटिफिकेशन जारी कर शहर के सभी कोचिंग संस्थानों को सूरत नगर निगम और
फायर ऐंड इमरजेंसी सर्विसेज से प्रमाण पत्र लिए बिना संचालित किए जाने पर रोक
लगाने का निर्देश दिया है। एसीपी ने कहा है कि अगर कोई भी कोचिंग संस्थान अग्निशमन
विभाग के सर्टिफिकेट के बिना संचालित होते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर
कार्रवाई की जाएगी।
डेप्युटी सीएम
के दावे को अग्निशमन अधिकारी ने नकारा
डेप्युटी सीएम
नितिन पटेल ने दावा किया है कि सूरत के फायर अधिकारियों के पास आग से बचाव के सारे
उपकरण मौजूद थे लेकिन अग्निशमन अधिकारी उनके इस दावे पर सवाल उठाए हैं। अग्निशमन
अधिकारी बसंत पारिक ने कहा कि उनके पास कोई सेफ्टी नेट नहीं है। बता दें कि सेफ्टी
नेट होने पर इमारत के तीसरे और चौथे फ्लोर से कूदे लोग बच जाते। पारिक ने कहा कि
थर्माकोल से छत पूरी तरह से बंद थी और इससे लोग निकल नहीं सके।