भीलवाड़ा के ईंट भट्टे पर बंधुआ मजदूर, नरकीय जीवन जीने को मजबूर

आज दिनांक 14/05/2019 को जिला मजिस्ट्रेट भीलवाड़ा के निर्देशानुसार तहसीलदार गंगापुर के निर्देशन मे श्रम निरीक्षक,पुलिस एवं स्वयं सेवी संस्था की उपस्थिति मे ग्राम सातलिया, गंगापुर तहसील सहाड़ा जिला भीलवाड़ा मे गणेश ब्रिक्स पर बंधुआ श्रम के विरुद्ध कार्यवाही की गई |

कार्यवाही के दौरान महिला पुरुष सहित 50 से अधिक मजदूर काम करते पाए गए, मोके पर बच्चे भी काम करते पाए गए जिनकी संख्या अलग है

उपस्थिति अधिकारियो द्वारा मजदूरों से पूछताछ की जिसमे पाया गया की चित्रकूट उत्तरप्रदेश के 12 परिवार के लगभग 28 श्रमिको ने बताया की भट्टा मालिक द्वारा ठेकेदार के माध्यम से अग्रिम 8 माह पूर्व परिवार सहित लाया गया तथा सिर्फ खाना खर्चे का पैसा दिया जाता है, मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाता ओर ना ही मजदूरी का हिसाब बताया जाता है,

मजदूर अपने घर जाना चाहते थे किन्तु उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है, सभी मजदूर भट्टे पर ही परिवार सहित निवास करते है जिन्हे 15 दिन मे एक बार खर्चे का पैसा देकर राशन सामान लाने की छूट मिलती है, दो गर्भवती महिलाओ ने भी मालिक द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाना ओर डाक्टर के नहीं जाने देना बताया, एक गर्भवती महिला ने तो यहाँ तक बताया की उसका इलाज के अभाव मे दो बार गर्भ गिर चूका है,भट्टा मालिक ना हिसाब करता है ओर ना ही घर जाने देता है,

इस प्रकार बंधुआ श्रम का मामला होने के बावजूद प्रशासन द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही नहीं की गई, ना तो पर्चा मौका बनाया ना ही मजदूरो के बयान कलमबद्ध किये गए बल्कि मजदूरो का जबरदस्ती हिसाब कर रवाना करने का प्रयास किया गया, स्वयं सेवी संस्था द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही करने का निवेदन किया गया तो पुलिस द्वारा उनके जूते मारने ओर गाडियो के काँच फोड़ देने ओर पुलिस कार्यवाही मे फंसा देने की धमकी देकर मोके से भगा दिया,

12 परिवार के लगभग 28 बंधुआ श्रमिक अपना घर सामान लेकर भट्टे के बाहर अपने घर जाने के लिये खड़े है किन्तु प्रशासन मूक बना देख रहा है और भट्टा मालिक एवं उसके सहयोगियों को समर्थन देकर स्वयं सेवी संस्था के विरुद्ध प्रेरित कर रहा है, मजबूरवश संस्था वालो को मोके से हटना पड़ा किन्तु न्याय की अपेक्षा मे खड़े है किन्तु बंधुआ श्रमिकों को न्याय नहीं मिला