डॉ पायल तड़वी की हुई संस्थागत हत्या के विरुद्ध में उदयपुर के सामाजिक संगठनों ने केंडल मार्च निकाला।

आज मुंबई मे कुछ दिन पहले जातिगत गालियों के चलते मुंबई के नायर अस्पताल की एमडी स्टूडेंट पायल ताण्डवी के द्वारा की गयी आत्महत्या की घटना के विरोध मे उदयपुर के आंबेडकर सर्किल, कोर्ट चोराए पर कैंडल लाइट मार्च निकाला गया.

इस मोके पर बोलते हुए लेखिका कुसुम मेघवाल ने कहा की 21वी सदी मे भी मनुवाद हावी है और सत्ता मे बेठी सरकारों के द्वारा मनुवादी विचारों को बढ़ावा ही मिल रहा है।

सीपीएम के राजेश सिंघवी ने बोला की मेडिकल जैसी पढाई मे भी जिसके बाद आपको हर जाति-धर्म के मरीज का इलाज करना है इस तरह का जातिवादी मानसिकता का होना चिंता का विषय है और भारत के लोकतान्त्रिक पसंद नागरिको को इसके विरोध मे पुरजोर आवाज उठानी चाहिए।

बीटीपी के बी एल छान्वाल ने बोला की पूर्व मे भी इस तरह की घटनाएं दलित और आदिवासी छात्रों के साथ होती रही है. उन्होंने इस बारे मे बोलते हुए कहा की रोहित वेमुला और डेल्टा मेघवाल को भी न्याय नहीं मिल पाया था जिसके चलते जातिवादी विचार रखने वालों के मन मे कोई खौफ नहीं रह जाता है और उच्च शिक्षण संस्थानों मे भी मनुवादी विचार पनपते रहते है.

समाजसेवी अधिवक्ता पी.आर साल्वी ने कहा की मनुवादी विचारो के खिलाफ शोषित दलित – आदिवासी – पिछड़े तबको को एकता बनानी होगी तभी सत्ता के द्वारा इन ताकतों को मिलने वाले सरक्षण पर लगाम लगायी जा सकती है. रिंकू परिहार ने बोला की राजस्थान मे भी इसी मानसिकता के चलते दलित दूल्हो पर घोड़े पर बैठने तक पर भी हमले होते रहते है और शोषित तबके से आने वाली महिलाओ को भी यौन उत्पीडन का सामना करना पड़ता है।

प्रोफेसर हेमेन्द्र चंडालिया ने कहा की जिस तरह से पायल की सीनियर्स के द्वारा उन्हें जाति सूचक गालिया दी गयी और उनकी माँ के कॉलेज प्रशासन से शिकायत करने के भी यह रुका नहीं उसको देखते हुए रोहित एक्ट लाया जाना चाहिए।

डॉक्टर भरत बिरवाल ने कहा की जाति के आधार पर भेदभाव को उच्च शिक्षण संस्थानों मे रोकने के लिए बहुजन एकता को मजबूत करना होगा।

साथ ही इस मोके पर हिमालय, बाबूलाल घावरी, डॉक्टर बलदेव मीना, भीम आर्मी से सुरेश और लाला मेघवाल ने भी अपने विचार रखे। सुरेश ने बोला बहुजन युवाओ को व्यापक और निरंतर एकता बनाकर जातीय उत्पीड़न से लोहा लेना होगा।

प्रदर्शनकारियों ने कैंडल मार्च किया और नारे लगाकर पायल की आत्महत्या के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने, उनके विभाग के प्रमुख पर कार्यवाही करने की मांग के साथ यह मांग भी उठाई की आरोपित अभियुक्त जो डॉक्टर है उनकी मेडिकल प्रैक्टिस पर मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की तरफ से तुरंत रोक लगे.

शंकरलाल चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

इस मोके पर सौरभ नरुका, कैलाश रोत, चन्द्रदेव ओला, कन्हैयालाल डामोर, मोहम्मद अनीस आदि मोजूद थे.

(सौरभ नरुका द्वारा जारी )